स्थानीय रोगी कल्याण समिति के माध्यम से अशासकीय विशेषज्ञ चिकित्सकों को अनुबंधित किये जाने के संबंध में आदेश जारी
भोपाल : लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के शासकीय चिकित्सालयों में स्थानीय रोगी कल्याण समिति के माध्यम से अशासकीय (निजी) विशेषज्ञ चिकित्सकों को अनुबंधित किये जाने के लिये मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन-सह-मुख्य अस्पताल अधीक्षक तथा समस्त जिला चिकित्सालयों को आदेश जारी कर दिये हैं। आदेश अनुसार अनुबंध की अवधि एक वर्ष के लिये होगी, जिसे प्रदर्शन और पारस्परिक सहमति के आधार पर नवीनीकृत किया जा सकेगा।
आयुक्त लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा तरुण राठी ने जिला चिकित्सालयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण स्वास्थ्य सुविधाएँ तथा शल्य चिकित्सा आदि प्रभावित होने के दृष्टिगत प्रदेश के शासकीय चिकित्सालयों में जहाँ पर विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद स्वीकृत होकर रिक्त हैं तथा उक्तानुसार चिकित्सीय सेवा प्रदायगी के लिये समुचित संसाधन उपलब्ध हैं, वहाँ रोगी कल्याण समिति के माध्यम से (बिना आउटसोर्स एजेंसी) प्रति केस के मान से भुगतान (मासिक आधार पर) प्रावधानित कर अशासकीय (निजी) विशेषज्ञ चिकित्सकों को अनुबंधित किये जाने के लिये कहा है। विशेषज्ञ चिकित्सकों को अनुबंधित किये जाने के लिये भारतीय चिकित्सा परिषद या राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त वैध चिकित्सा डिग्री और विशेषज्ञता योग्यता होनी चाहिये। विशेषज्ञ चिकित्सक का राज्य में चिकित्सीय प्रेक्टिस के लिये मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान परिषद का वैध जीवित पंजीकरण संख्या और लायसेंस होना अनिवार्य है। चिकित्सक के विरुद्ध व्यावसायिक कदाचार (चिकित्सीय सेवा) से संबंधित कोई भी न्यायिक प्रकरण लंबित नहीं होना चाहिये और विशेषज्ञ का अपनी विधा में कार्य किये जाने का न्यूनतम 3 वर्ष का अनुभव होना अनिवार्य है।
राठी ने जारी आदेश में जिला चिकित्सालय अशासकीय (निजी) विशेषज्ञ चिकित्सकों को अनुबंधित करने के लिये समिति गठित की है। समिति के अध्यक्ष सिविल सर्जन-सह-मुख्य अस्पताल अधीक्षक, आरएमओ, दो वरिष्ठ चिकित्सक, जिला नोडल अधिकारी, रोगी कल्याण समिति, जिला लेखापाल, सिविल सर्जन-सह-मुख्य अस्पताल अधीक्षक सदस्य और सहायक प्रबंधक जिला चिकित्सालय सदस्य सचिव होंगे।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अधीन स्वास्थ्य संस्थाओं के लिये अशासकीय (निजी) विशेषज्ञ चिकित्सक को अनुबंधित किये जाने के लिये मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। समिति में डीएचओ, दो वरिष्ठ चिकित्सक, जिला लेखापाल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सदस्य और प्रभारी संबंधित संस्था प्रमुख सदस्य सचिव होंगे।