छठ महापर्व से पहले यमुना में गंदगी का मुद्दा गरमाया
नई दिल्ली । पूर्वांचल के लोगों का महापर्व छठ पूजा में अब महज 15 दिन का समय बचा है। पर्व से पहले लोगों के साथ राजनीतिक दलों को भी यमुना की याद आयी है। यमुना की सफाई के दावे किए जाते रहे हैं। हकीकत है कि आज भी यमुना का पानी जहरीला बना हुआ है।
अमोनिया के कारण सफेद झाग से नदी पटी पड़ी है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कार्यकर्ताओं के साथ कालिंदी कुंज पहुंचकर यमुना घाट का जायजा लिया। देवेंद्र यादव के साथ पूर्व सांसद परवेज हाश्मी, पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज, पूर्व विधायक आसिफ मौहम्मद खान, निगम में कांग्रेस दल की नेता नाजिया दानिश मौजूद रहे। देवेंद्र यादव ने यमुना घाट का दौरा करने के बाद कहा कि, 7 नवम्बर 2024 को छठ का पर्व है। लाखों श्रद्धालु यमुना में डुबकी लगाकर छठ पर्व पूरा करते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री आतिशी से दूषित यमुना की सफाई पर विचार करने का आग्रह किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दावे को याद किया। उन्होंने कहा था कि 2025 तक यमुना की सफाई के बाद खुद नदी में डुबकी लगाएंगे। इसलिए छठ पर्व पर अरविन्द केजरीवाल को यमुना में डुबकी लगाने के लिए आमंत्रित करते हैं। उन्होंने कहा कि यमुना में डुबकी लगाने के बाद अरविंद केजरीवाल स्वस्थ बाहर नहीं आ सकते। देवेंद्र यादव ने कहा कि छठ पर्व पर माताएं-बहनें स्वास्थ्य से समझौता कर प्रदूषित यमुना में डुबकी लगाती हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के नालों का पानी बिना ट्रीट किये यमुना में डाला जा रहा है। उन्होंने पूछा कि जिम्मेदार कौन है। दिल्ली में पराली से प्रदूषण हो या यमुना का दूषित जल अरविन्द केजरीवाल पंजाब छोड़ हरियाणा और यूपी को जिम्मेदार ठहराते हैं। देवेन्द्र यादव ने यमुना में हरियाणा और यूपी से नालों का गंदा पानी सीधा यमुना में छोड़ने पर के मामले पर कहा कि दिल्ली सरकार को 11 साल बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की याद आई। इससे पहले तक केजरीवाल और मुख्यमंत्री आतिशी को किसने रोका था। सच्चाई है कि राजनीति के अलावा जनता से जुड़े मुद्दे पर कभी सोचा नही। यही कारण है कि जनता का विश्वास आम आदमी पार्टी से उठ चुका है।
देवेंद्र यादव ने आगे कहा कि दिल्ली की जनता को अब आम आदमी पार्टी से ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं। दिल्ली सरकार का भ्रष्टाचार उजागर हो चुका है। दिल्ली वालों के प्रति जिम्मेदारियों से सरकार हमेशा भागते दिखाई देती है। जनता तय कर चुकी है कि आगामी विधानसभा में केजरीवाल की पार्टी को विदा करना है।