राजनीती

कांग्रेस के नए हेड क्वार्टर का नाम इंदिरा गांधी नहीं मनमोहन सिंह के नाम हो

बीजेपी प्रवक्ता पूनावाला ने भवन के बाहर लगे पोस्टर पर दी प्रतिक्रिया

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस के नए हेड क्वार्टर और भवन के बाहर पोस्टर लगे हैं। इन पोस्टरों को मीडिया ने दिखाया है। पोस्टर में लिखा है इस भवन का नाम इंदिरा गांधी के नाम पर नहीं, बल्कि डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर होना चाहिए। कांग्रेस पार्टी एक परिवार के आगे नहीं सोच पाती। 
कांग्रेस ने स्मारक और स्मृति पर किस प्रकार की ऊंची सियासत की उसे हमने देखा है। लेकिन जब पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की राष्ट्रीय शोक अवधि थी, तब राहुल गांधी पार्टी के लिए चले गए। वह उनके अस्थि विसर्जन और अखंड पाठ में भी शामिल नहीं हुए। जीते जी मनमोहन सिंह का अपमान किया गया। उनको फैसले लेने की आजादी नहीं दी गई। उनके अध्यादेश तक फाड़े गए थे।
शहजाद पूनावाला ने आगे कहा कि कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को भारत रत्न से वंचित रखा, जबकि प्रणब मुखर्जी ने इसका प्रस्ताव रखा था और यह पुलक चटर्जी तक पहुंचा था ताकि ये सोनिया गांधी तक पहुंचे और इस पर काम हो लेकिन एक मंशा होती है कि कोई भी गैर परिवार का कांग्रेसी भी हो, प्रधानमंत्री भी बना हो उसको अपमानित और जलील करना है। नरसिम्हा राव के पार्थिव शरीर को कांग्रेस के दफ्तर में घुसने नहीं दिया गया था। 
बीजेपी प्रवक्ता पूनावाला ने कहा कि भीमराव अंबेडकर और वल्लभभाई पटेल को भी सालों तक भारत रत्न से वंचित रखा गया। उनका जीते जी अपमान किया गया। भीमराव अंबेडकर को दो बार चुनाव हराने का काम किया। आज इस भवन का नाम अंबेडकर भवन रखते, मनमोहन सिंह के नाम पर रखते, लेकिन इसका नाम इंदिरा गांधी के नाम पर रखा, क्योंकि परिवार पहले है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सिख विरोधी पार्टी है। 1984 के नरसंहार को भी जस्टिफाई किया, जगदीश टाइटलर सज्जन कुमार को बचाया और डॉ. मनमोहन सिंह का अपमान करते रहे। यह उनकी असली फितरत है और असली चेहरा है। पूनावाला के इस बयान पर अभी तक कांग्रेस की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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