छत्तीसगढ़राज्य

सौर ऊर्जा और ऑटोमेशन तकनीक से सिंचाई प्रबंधन में क्रांति

रायपुर :  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में कृषि और किसानों को समृद्ध बनाने के लिए बहुतेरे प्रयास किए जा रहे हैं। खेती-किसानी को उन्नत करने के लिए किसानों को हर संभव मदद और आदान सहायता दी जा रही है, राज्य में कृषि उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि हो और इसका लाभ किसानों को मिले। उनका जीवन स्तर ऊंचा उठे। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था कृषि प्रधान है। कृषि को समृद्ध बनाने का मतलब छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ता प्रदान करना है।

कृषि के लिए सिंचाई सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान समय में सिंचाई क्षमता लगभग 39 प्रतिशत है। यही कारण है कि राज्य में वर्षा आधारित एक फसली खेती यहां होती है। कृषि के क्षेत्र में समृद्धि के लिए द्विफसली एवं त्रिफसली खेती जरूरी है। इसको ध्यान में रखकर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के ऐसे इलाकों में जहां नहरों के माध्यम से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं है। वहां सौर सुजला योजना एवं किसान समृद्धि योजना अथवा सामान्य नलकूप योजना के माध्यम से किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए खेतों में नलकूप की स्थापना के लिए अनुदान सहायता दी जाती है।

छत्तीसगढ़ राज्य में सौर सुजला योजना को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस योजना के तहत ऐसे इलाके जहां परम्परागत बिजली सुविधा नहीं है, वहां सौर सुजला के नलकूप से किसानों को सिंचाई के लिए सहजता से पानी मिल जाता है। सौर सुजला योजना ने किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने में बहुत मददगार साबित हो रही है। सौर सुजला योजना के पम्पों में ऑटोमेशन तकनीक के उपयोग ने इसको और उपयोगी बना दिया है। सिंचाई के लिए पम्प को चालू और बंद करने के लिए किसानों को अब खेत में जाकर पम्प चालू करने की जरूरत नहीं रही है। किसान अपने घर में ही या किसी दूसरे शहर में वह अपने मोबाईल के माध्यम से सौर सुजला के सिंचाई को आवश्यकता के अनुरूप चालू और बंद करके अपने खेत में सिंचाई का प्रबंधन कर सकता है।   

छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा और ऑटोमेशन तकनीक का मेल किसानों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रहा है। क्रेडा (छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण) ने सौर पंप ऑटोमेशन तकनीक का सफल प्रयोग कर किसानों को नई सुविधा प्रदान की है। किसान अपने खेत में सोलर पंप को दुनिया के किसी भी कोने से मोबाइल के माध्यम से संचालित कर रहे हैं। क्रेडा द्वारा सौर पंपों में इंटरनेट ऑफ थिंग्स आधारित ऑटोमेशन तकनीक जोड़ी गई है। यह तकनीक किसानों को अपने पंपों को दूरस्थ रूप से चालू और बंद करने की सुविधा देती है। इसके लिए केवल एक मोबाइल ऐप की जरूरत होती है। किसान अपने खेत पर शारीरिक रूप से मौजूद हुए बिना, कहीं से भी सिंचाई प्रबंधन कर सकते हैं।
क्रेडा के सीईओ राजेश सिंह राणा ने बीते दिनों धमतरी जिले के भ्रमण के दौरान सौर संयंत्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने देखा कि किसान रमन साहू अपने खेत में लगे सोलर पंप को बिना वहां गए, केवल मोबाइल फोन से ऑपरेट कर रहे थे। किसान ने बताया, मैं अपने घर से ही पंप चालू और बंद कर लेता हूं। रमन ने बताया कि एक बार वह असम गए थे, तब भी मैंने वहां से अपने पंप को ऑपरेट किया। किसान रमन साहू के खेत में सौर सुजला योजना के तहत फरवरी 2024 में 3 एचपी का सोलर पंप स्थापित किया गया था। इस पंप में अत्याधुनिक ऑटोमेशन तकनीक शामिल है, जिससे पंप को स्मार्टफोन और नेटवर्क की मदद से कहीं से भी नियंत्रित किया जा सकता है। इस तकनीक से किसान अपने समय, ऊर्जा और संसाधनों की बचत कर रहे हैं।

गौरतलब है कि क्रेडा द्वारा किसानों के सौर सुजला सिंचाई पम्प संबंधी समस्याओं के निदान के लिए सौर समाधान मोबाइल ऐप तैयार किया गया है। इस ऐप के माध्यम से किसानों शिकायतों का निवारण जिला या प्रधान कार्यालय स्तर पर किया जाता है। क्रेडा की यह पहल छत्तीसगढ़ के किसानों को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ रही है। यह नवाचार कृषि क्षेत्र में दक्षता और उत्पादकता को भी बढ़ावा दे रहा है।

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