मध्यप्रदेशराज्य

ऑनलाइन नौकरी देकर जालसाजो ने युवक से ठगे साढ़े छह लाख

भोपाल। क्राइम ब्रांच पुलिस ने नौकरी देने के बहाने युवक से लाखो की ठगी करने वाले अज्ञात आरोपियो के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जानकारी के अनुसार रातीबड़ में स्थित ग्राम गोरा गांव में रहने वाले फरियादी अरविंद कुमार पटेल पिता राजभान पटेल ने अगस्त माह में लिखित शिकायत करते हुए बताया 6 अगस्त को उसके पास इंस्टाग्राम में जॉब के जरिए लिंक आई थी। उस पर क्लिक करने पर एक मोबाइल नंबर पर चैटिंग हुई। अज्ञात ठगो ने उसको टेलीग्राम एप डाउनलोड कराने के बाद टारगेट पूरा करने पर रोजाना एक से पांच हजार की कमाने का झांसा दिया। उनके जाल में फंसे अरविंद ने काम करना शुरु कर दिया। बाद में उसे श्रृद्धा दिनेशभाई आईडी से जोड़ा गया था। इतना ही नहीं नौकरी देने से पहले उसका तीन बार इंटरव्यू भी लिया गया। उसको एक ग्रुप में जोड़ा था जिसमें उसको कमेंट करना होता था। हर कमेंट पर कंपनी ने दस रुपए का भुगतान करने का झांसा दिया था। उसे कंपनी की तरफ से पहली बार 123 रुपए दिए गए थे। इसके बाद दूसरे ग्रुप में जुड़ने पर हर रोज मिलने वाले 20 टास्क को पूरा करने पर प्रति कमेंट 30 रुपए का लालच दिया गया।

यह सभी वीडियो टास्क थे, जिसको पूरा करने पर उसने श्रद्धा को उसकी स्क्रीन शॉट भेजी। इसके बाद उसे एक हजार रुपए खाते में जमा कराकर 30 फीसदी कमीशन का वाला टारगेट मिला। उसमें उसे 1300 रुपए कमीशन दिया गया। बाद में अगला टारगेट पूरा करने पर कंपनी ने फिर 3,900 रुपए का भुगतान कर दिया। आखिर में अगले टारगेट के लिए उससे 3 हजार रुपए जमा कराए गए और उसे कोड देते हुए ज्वाइन करने के लिए 11,889 रुपए जमा कराने को कहा गया। टास्क पूरा करने के पहले गारंटी के नाम पर कंपनी ने उससे 31,889 रुपए भी जमा करा लिये। बाद में पैमेंट के समय ठगो ने उससे कहा कि उसका खाता फ्रीज हो गया है। उसे अनाफ्रीज कराने के लिए 50 हजार रुपए देना होगें तब उसे पहले से लेकर अभी तक की सारी जमा रकम वापस मिल जाएगी।

रकम जमा करने के बाद उसे बताया गया कि उसका एकाउंट अभी भी फ्रीज है, और उससे दो किस्त में 50- 50 हजार रुपए ले लिये गये। इसके बाद जालसाजो ने उसका क्रेडिट स्कोर खराब बताते हुए उसे बहाल करने के लिए एक लाख रुपए देने को कहा। यह रकम भी उसने जमा कर दी। इसके बाद कई अन्य बहानों से उससे लाखो की रकम ऐंठी गई। इसके बाद फरियादी को अहसास हुआ कि उसके साथ ठगी की गई है। तब वह पुलिस के पास पहुंचा। दो महीनो की जॉच के बाद क्राइम ब्रांच ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। पुलिस अब उन खातों और मोबाइल नंबरो की की पड़ताल कर रही है, जिनमें रकम भेजी गई और जिन मोबाइल से उसके पास मैसेज भेजे गये थे। 

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